एक नई शुरुआत
एक नई शुरुआत
कुमुदनी की हाल ही में शादी हुई थी। वह एक छोटे गाँव से थी, जहाँ आज भी ज़िंदगी पुराने विचारों की ज़ंजीरों में बंधी हुई थी। मगर उसका पति, प्रकाश, शहर में एक प्राइवेट फर्म में नौकरी करता था। शादी के कुछ ही दिन बाद वह कुमुदनी को अपने साथ शहर ले आया।
शहर की चहल-पहल और प्रकाश की व्यस्त दिनचर्या के बीच कुमुदनी खुद को अकेला महसूस करने लगी। ऐसे ही दिनों में उसकी मुलाक़ात पास ही रहने वाली अनु से हुई — एक ऊर्जावान लड़की जो आर्ट में मास्टर्स कर रही थी। दोनों की उम्र लगभग एक जैसी थी, इसलिए जल्द ही उनके बीच गहरी दोस्ती हो गई।
एक दिन अनु ने कहा,
“भाभी, आपकी सिलाई और डिज़ाइनिंग तो कमाल की है!”
कुमुदनी मुस्कुराई, और झिझकते हुए अपने बैग से खुद के बनाए कुछ डिज़ाइन निकालकर अनु को दिखाए। अनु भी अपने डिज़ाइनों के नमूने लाई। दोनों की कला में गहराई और हुनर था। तभी अनु ने प्रस्ताव दिया,
“क्यों न हम मिलकर एक ऑनलाइन सिलाई सेंटर शुरू करें?”
कुमुदनी चौंकी।
“ऑनलाइन सेंटर? ये क्या होता है?”
अनु ने समझाया,
“हम अपने डिज़ाइन किए कपड़े इंटरनेट पर बेचेंगे। घर बैठे ही काम करेंगे, और लोग हमें ऑर्डर देंगे।”
कुमुदनी की आँखों में एक चमक दौड़ गई। क्या यही उसकी नई पहचान की शुरुआत हो सकती थी?
अगले दिन से ही दोनों ने मिलकर योजना बनानी शुरू की। छत पर बैठकर अपने डिज़ाइनों के पन्ने फैलाए, और ब्रांड के नाम पर विचार करने लगीं। कुमुदनी बोली,
“नाम ऐसा होना चाहिए जो गाँव की जड़ों से जुड़ा हो, लेकिन शहर की सोच को भी दर्शाए।”
अनु की आँखें चमक उठीं।
“रंगRoots? रंग मतलब रचनात्मकता, और Roots मतलब हमारी जड़ें।”
नाम तय हुआ, और साथ ही इंस्टाग्राम पेज बना – @rangroots। पहली पोस्ट थी:
“गांव की सिलाई, शहर की डिज़ाइन – रंगRoots का पहला कदम।”
कुमुदनी के लिए यह सब नया था – फोटो खींचना, कैप्शन लिखना, हैशटैग लगाना – अनु ने उसे सब सिखाया। कुछ ही हफ्तों में पहला ऑर्डर आया – दिल्ली से एक लड़की ने हाथ की कढ़ाई वाली कुर्ती मंगवाई थी।
पैकेजिंग करते हुए कुमुदनी ने कहा,
“अनु, मुझे अब यकीन होने लगा है कि मैं भी कुछ कर सकती हूँ।”
अनु मुस्कुरा उठी,
“भाभी, यह तो बस शुरुआत है। अब तो हमें नई डिज़ाइन्स, वीडियो और कस्टमर से जुड़ाव के नए तरीके लाने हैं।”
अब दोनों की दिनचर्या बदल चुकी थी। कुमुदनी सुबह घर का काम निपटाकर डिज़ाइनिंग में लग जाती, और अनु कॉलेज के बाद ब्रांडिंग और सोशल मीडिया संभालती।
धीरे-धीरे, रंगRoots एक उभरता हुआ ब्रांड बन गया — जिसमें कला, आत्मनिर्भरता और दोस्ती का मेल था।
Alpna Singh
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