प्यारा सा एहसास
प्यारा सा एहसास कई बार... आँखों से ही छू लिया है उसे, उसकी बातें... मेरी रूह तक उतर जाती हैं। उसका नाम लेते ही महक उठती हैं मेरी साँसें — एक ख़ुशबू सी भर जाती है जीवन में। मेरे इस एहसास को बस एहसास ही रहने दो, इन्हें कोई नाम ना दो... प्यार क्या है? एक प्यारा-सा एहसास। तो इन्हें, सिर्फ़ एहसास ही रहने दो... दिल की दिल से बात होने दो, नज़रों को इल्ज़ाम न दो। तन्हाइयों में होती रहे मुलाकातें, लबों से कोई बात न हो। प्यार को प्यार ही रहने दो, इसे कोई नाम न दो। प्यार क्या है? एक प्यारा-सा एहसास। तो इन्हें, सिर्फ़ एहसास ही रहने दो...